देसी घर के मालिक बंगाली ऑडियो कहानी
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Desi ghar ke malik bngali diyo kahani
9 दिनें पूर्व
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सकाले उठे आजकाल अमर एक ताइ काज दात माच्ते माच्ते नोतुन भराटे काकी मा के बासन माच्ते देखा।
काकी मा जखन उभू होये बासन माझे तकण तार डबका पाछागुलो नाइटी ताफेटे बेरिये आशारो परम होये।
ताछाराओ काकी मार आध भेजा नाइटी पेस पस्टो बोजा जाओआ भारी-भारी दूटो माई एबंग माझे-माझे चूलेर खोपा ठीक करार समाये बगल थेके उकी मारा लालचे लोम गुलो आमाके तार थेके चोक फेराते ये देये ना।
जोबे थेके आमादेर बारी एशेचे तबे थेके आमार समस्तो धान-ग्यान कामना बासना पुरो ताइ नतुन भाराते मलोबीका काकी मा।
आजकाल सुधु काकी माके कलपना करेई हस्तमोयथून करी।